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हमारे बारे में जानें

गोमती गऊ सेवा समिति

हम (गोमती गऊशाला बांकनेर) पिछले लगभग 10 सालों से दुर्घटनाग्रस्त और बीमार गौवंशों का इलाज कर रहें हैं और पिछले 4 साल से इसमें बाकी जीवों (बंदर, घोड़े , गधे , नीलगाय , मोर , कबूतर , कुत्तों आदि) को भी शामिल किया गया है।
2013 के शुरूआती महीनों में कुछ साथिंयों ने मिलकर दुर्घटनाग्रस्त गौवंशों के इलाज के लिए एक समूह बनाया। देहाती इतिहास होने के कारण हम जीवों की भाषा, उनके प्रेम और दर्द को समझते थे। मामूली फर्स्ट-ऐड किट लेकर हमने सड़कों पर घूमती दुर्घटनाग्रस्त गौवंशो (गायें , बछङे तथा सांड) का इलाज आरंभ किया।

आवश्यकताओं के अनुसार हमने साधन जुटाने शुरू किये। कुछ गऊ इतनी घायल होती थी कि उनको प्रतिदिन दो या तीन बार दवा लगानी होती थी। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए हमें एक ऐसे स्थान की आवश्यकता महसूस हुई जहाँ हम उनका अच्छे तरीके से इलाज कर सकें और इस समस्या का समाधान किया हमारे समूह के एक साथी ने। हमें बांकनेर गाँव में एक जगह मिली। इलाज समाप्त होने के बाद हम वापिस उन गौवंशो को छोड़ देते हैं। यह व्यवस्था तीन साल तक चलती रही।

इस व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव तब आया जब हमें एक दुर्घटनाग्रस्त गऊ माता मिली जिसका इलाज हम पहले कर चुके थे। उस समय हमने फैसला किया कि इलाज के बाद हम गाय को वापिस छोड़ने की बजाय अपने पास ही रखेंगे, परन्तु हमारे आर्थिक हालात ऐसे नहीं थे कि हम ऐसा कर सकें लेकिन यह निर्णय लिया गया और समाज के अच्छे और दयालु लोगों के साथ ने इस निर्णय को आसान बना दिया।

आज हमारे पास चारा, दवाई, और स्थान की व्यवस्था है। हमारे पास आज एक एम्बुलेंस भी है। जिससे हम पीड़ित गऊ तक आसानी से पहुंच सकते हैं। परन्तु हमारे पास एक्सीडेन्ट के जितने कॉल आते हैं उनको पूरा करने के लिए साधन कम पड़ने लगे हैं।

अब हमें और एम्बुलेंस, अधिक दवाएँ , अधिक चारा तथा एक बड़े स्थान की आवश्यकता है। इन सब में हम आपका सहयोग चाहतें हैं। आप जो भी सहयोग कर पाएं प्रयाप्त होगा।

Donate Now
भारतीय समाज को अपनी संस्कृति के बारे में जागरुक करना, जिससे वह अपने जन्मदिवस , शादी की सालगिराह तथा त्योहारों पर थोड़ा समय गऊ माता के लिए भी निकाले।

  • एक भी गौवंश को कूड़ा खाने के लिए मजबूर न होना पड़े।
  • एक भी गाय सड़को पर आवारा घूमती न दिखे।
  • हर गाँव और शहर में कम से कम एक गऊशाला हो, जहाँ गऊ माता को आदर से भर पेट चारा और घूमने का वातावरण मिले।
  • गऊ का नस्ल सुधार हो तथा भारतीय नस्लों को बढ़ावा मिले

अगर ये सभी लक्ष्य प्राप्त कर लिए गए तो समाज को गऊ हत्या रोकने के लिए सरकार की आवश्यकता नहीं होगी और यह बेकार की बहस और राजनीती समाप्त हो पायेगी।

इस मुहिम में हम सब आपके साथ की कामना करते हैं।

हमारी सेवाएँ

हमें विश्वास है कि आपका साथ अधिक निर्दोष जीवन बचा सकता है

जीवों का बचाव

दुर्घटनाग्रस्त या बीमार आवारा गौवंशों के अलावा पीड़ित कुत्ते, बन्दर, बिल्ली, मोर, कबूतर, नीलगाय आदि का भी इलाज करते हैं।

चारा सेवा

निर्मल हृदय वाली गऊ को चारे के अतिरिक्त किसी भी सुविधा की अपेक्षा नही होती। उसी निर्मल ह्रदय वाली गऊ माता के आशीर्वाद और आप सभी के सहयोग से गोमती गऊ सेवा समिति न केवल गौवंश अपितु सभी जीवों के लिए पर्याप्त खाने का प्रबंध कर पाते हैं।

शेल्टर सुविधा

गौवंश के लिए सर्दी, गर्मी तथा वर्षा ऋतु के अनुकूल शेल्टर सुविधा प्रदान करते हैं तथा गौवंश के अतिरिक्त जीवों का इलाज पूरा करके उनके स्थानों पर छोड़ दिया जाता है।

समाज को जागरूक करना

समय-समय पर स्थानीय अभियान चला कर गऊ के महत्व के प्रति समाज में जागरूकता फ़ैलाने का कार्य किया जाता है।

हमें आपकी सहायता चाहिए

आप इन सब में सहयोग कर सकते हैं।

सभी सहायता करने वालों को २-३ दिन के बाद एक सहायता पत्र प्रदान किया जाएगा जिसपर आपका नाम तथा स्थान लिखा होगा। यह पत्र गऊशाला कभी सार्वजनिक नहीं करेगी। यह आपका निजी निर्णेय होगा की सहायता पत्र को गुप्त रखना चाहते हैं या सार्वजनिक।

आवश्यक सूचना

आप खुद श्रम सहायता भी कर सकते हैं। कृपा अपना कुछ समय निकालें और हमारी टीम के साथ मिलकर गऊ सेवा में सहायता करें और सुखमय , चिंतामुक्त जीवन जियें।

Recent Donors

हमारे नए दानकर्ताओं की सूची

Our Ongoing Events

हमारे कार्यरत अभियान

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06-Apr-23

Narela

एक रोटी , एक रुपया

एक रोटी एक रुपया अभियान की शुरुवात अप्रैल 2023 से की गई थी। इसका उदेश्य समाज को अपनी पुरातन संस्कृति के प्रति जागरूक करना है ताकि प्रत्येक घर से एक रोटी और एक रुपया गऊ माता के लिए निकल कर अपनी नजदीकी गऊशाला में दान किया जाये। गोमती गऊशाला स्थानीय स्तर पर समाज में जागरूकता फ़ैलाने में कामयाब रही। हमारा उदेश्य इस अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर ले कर जाना है। आप इस अभियान से जुड़कर इसकी शक्ति बढ़ाएं।

जय गौमती जय गोपाल

अभियान से जुड़ने के लिए आप हमें message कर सकते हैं।

Send Message
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06-Apr-23

Narela

एक गऊ पालन की जिम्मेदारी उठायें

अगर आप अपने घर पर गऊ को नहीं रख सकते परन्तु आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो हमारी एक गऊ के पालन की जिम्मेदारी उठा सकते हैं।

एक गऊ का दैनिक खर्च: ₹50 हरा चारा , ₹50 सूखा चारा , ₹50 खली, ₹20 अन्य खर्च
अर्थात दैनिक खर्च ₹170 होता है।

मासिक खर्च ₹5100

हर माह ₹5100 वहन कर एक गऊ को गोद लेकर 33 कोटि देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करें और एक गऊ माता के अनमोल जीवन में सुधार लाएं।

Adopt a Cow

Upcoming Events

आने वाले कार्यक्रम

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23-May-24

8:00 - 16:00

Narela

बुद्ध पूर्णिमा

भगवान श्री विष्णु जी के 9 वें अवतार भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव पर 23 मई 2024 को गोमती गऊशाला बांकनेर बवाना रोड , नरेला (नजदीक भारत माता स्कूल) में भगवान बुद्ध का पूजन एवं प्रसाद वितरण (भण्डारा) आयोजित किया जा रहा है।

आप सभी से अनुरोध है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंच कर प्रसाद ग्रहण करें

भण्डारे में सेवा करने के लिए संपर्क करें




संपर्क करें
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05-08 Nov 24

Narela

छठ पूजन व गोपाष्टमी

गोपाष्टमी गऊ पूजन समारोह कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी से लेकर अष्टमी तक चार दिवसीय समारोह आयोजित किया जायेगा।

आप सभी को इस चार दिवसीय महापर्व में आमंत्रित किया जाता है।



समाहरोह में Volunteer बनने के लिए आपका सहयोग चाहिए।

कृपा आप जितने दिन का समय हो सकें निकालें और इस महापर्व का हिस्सा बनें।

Join Now

गऊ सेवक

हमारे गऊ सेवकों से मिलें

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विकास दीक्षित

गऊ सेवक

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प्रवीण खत्री

गऊ सेवक

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राकेश खत्री

गऊ सेवक

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शिवम

गऊ सेवक


बाकी सभी गऊ सेवक

गऊ सेवक बने

गऊ माता से जुड़ें,
गऊ सेवा से जुड़ें,
गोमती गऊशाला से जुड़ें

चलिए हम मिलकर गऊ माता के हालात को बदलते हैं समाज को बदलते हैं।

हमारी टीम से जुड़े और गर्व से स्वयं को गऊ सेवक कहिये। गोमती गऊ सेवा समिति चाहती है कि ऐसे गऊ सेवक तैयार हों जो समाज को जागरूक करने की इच्छा रखते हों।

यह हम सब का कर्त्तव्य है कि हम अपनी पुरातन संस्कृति को बचाएं रखे और गऊ माता को उसी पूजनीय स्थान पर पहुचाएं जिस स्थान पर वह सदियों तक रही तथा जिसकी वह हक़दार हैं।

जय गोमती जय गोपाल

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